मेरे घर का वही
जाना पहचाना एहसास आज भी है,
जैसा तुम्हारे जाने से पहले था
बस,
तुम्हारे जाने के बाद
अब वो बहार नहीं आती......
हा खिल जाते है कभी कभी
तुम्हारी ही यादों के सतरंगी फूल
और खेलते है मेरे साथ, तुम्हारी ही तरह,
जैसे की तुम खेला करती थी
जैसे ही मै उन्हें अपने ख्वाबों में
सोचना चाहूँ,
न जाने कहाँ चले जाते है
शायद छिप जाते है, या
चिढाते है मुझे
जैसे कह रहे हो,
ढूंढ सकते हो, तो
ढूंढ लो मुझे,
मै तो तुम्हारा अपना हूँ,
तुम अपनी ही चीज नहीं ढूंढ सकते, .........
हर बार
बार बार मै थक सा जाता हूँ
ढूंढते-ढूंढते,
निस्तेज से हो जाते है मेरे प्राण
सिहर उठती है मेरी रूह,
और तब,
जब दिए में रौशनी इतनी धीमी हो जाती है
की अब बुझ ही जाएगी ........
वो खुद बा खुद सामने आकर
अहसासात कराते है, मेरे कमजोर मनोभावों को
जिसमे इक सिरे पर "तुम्हारी रूपरेखा"
और "दुसरे पर उपसंहार"
"मेरे मन का वही कोना
जहा जन्म लेते है तेरी यादों के दो सतरंगी फूल"
=====अमर=====
खूबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeleteShukriya Sangeeta Swaroop Ji
Deleteबहुत खूबसूरत भाव संयोजन
ReplyDeleteShukriya Vandana ji
Deleteसच उस कोने को खोजती ये रचना बहुत ही सुंदर बन पडी है
ReplyDeleteshukriya Ajai Jha ji
DeleteShukriya Ajay Jha ji
Deleteबहुत उम्दा अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर शब्द संयोजन विरह भाव को प्रकट करने में सफल हुए बहुत अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteumda abhivyakti ...
ReplyDeleteअटूट श्रद्धा और विश्वास विपरीत काल में आगे बढ़ने को प्रेरित करता है.
ReplyDeleteसुंदर भाव सुंदर प्रस्तुति.
मन को प्रभावित करती सुंदर अभिव्यक्ति ,,,,,
ReplyDeleteRECENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: आश्वासन,,,,,
सुन्दर रचना.. सुंदर अभिव्यक्ति .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर .
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत हैं ये यादों के फूल...
ReplyDeleteस्मृतियों का बोझ हृदय में रह रह बढ़ता जाता है..
ReplyDeleteवाह ... अनुपम भाव ... बेहतरीन प्रस्तुति।
ReplyDeleteप्रेम, विरह और यादों के लम्हों में सिमटी लाजवाब रचना ...
ReplyDeleteबहुत ही गहरे और सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....
ReplyDelete..bahut sundar bhavpoorn rachna!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गहरे छूती रचना..
ReplyDeleteबेहतरीन...
:-)
बहुत ही अच्छा लगा| क्या खूब लिखते हैं !!
ReplyDeleteअहसासात कराते है, मेरे कमजोर मनोभावों को
ReplyDeleteजिसमे इक सिरे पर "तुम्हारी रूपरेखा"
और "दुसरे पर उपसंहार"
"मेरे मन का वही कोना
जहा जन्म लेते है तेरी यादों के दो सतरंगी फूल"
sunder bhav badhai aapko
rachana
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति
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