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Wednesday, June 20, 2012


मेरी साँसों के स्पंदन 
तेज होने लगे है,
जब से,
चिर-परिचित कदमो की 
आहट सुनाई दी है 

वो आयेंगे न, 
या, ये  मेरे मन की मृग-मरीचिका है, 
मेरे कानो ने, सुनी है जो आहट
कही वो दूर से किसी का झूठा आश्वाशन तो नहीं 
कही मेरी प्रतीक्षा 
मेरा विश्वास
सब निराधार तो नहीं,.........

नहीं उन्हें आना ही होगा 
उन्हें मजबूर होना ही पड़ेगा
कृष्णा भी तो आये थे 
मथुरा से वृन्दावन
अपनी गोपियों से मिलने
मै भी तो उनकी रुक्मणी हूँ.......... 
मुझे उनके साथ ही रहना है 

वो आयेंगे जरुर आयेंगे, 
मेरा विश्वास, 
मेरी आराधना,   
यूँ ही व्यर्थ नहीं जाने देंगे वो, 
उन्हें भी अहसास होगा 
मेरे विरह की पीड़ा का, 
मेरे करुण क्रंदन का, 
कुछ तो मोल होगा 
उनकी निगाहों में, 
मेरे आंसुओ का...
उनके बहने से पहले 
वो मेरी बाँहों में होंगे  
मै उनकी पनाहों में.....

मेरी साँसों के स्पंदन 
तेज होने लगे है,
जब से,
चिर-परिचित कदमो की 
आहट सुनाई दी है,

====अमर===== 

37 comments:

  1. शुभकामनाएं |
    सुन्दर प्रस्तुति ||

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  2. सुंदर भाव ...इतना विश्वास है तो आना ही पड़ेगा ।

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  3. क्या सच में कृष्ण मथुरा जाने के बाद वापस आ पाए थे वृन्दावन ... ?
    पर अगर प्रेम में शक्ति हो तो कुछ भी हो सकता है ..

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  4. बहुत सुन्दर भाव रचे बसे हैं कविता में....

    बहुत अच्छी रचना

    अनु

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  5. अनुपम भाव...सुन्दर रचना..

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  6. .खूबसूरत अभिव्यक्ति.....

    मेरी साँसों के स्पंदन
    तेज होने लगे है,
    जब से,
    चिर-परिचित कदमो की
    आहट सुनाई दी है,

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  7. aahat vo bhi chirparichit ...bahut accha....

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  8. virah vedanaa main doobi bahut hi sunder prastuti badhaai aapko.

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  9. आपकी पोस्ट कल 21/6/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें

    चर्चा - 917 :चर्चाकार-दिलबाग विर्क

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  10. साँसों का स्पन्दन अपना संचार ढूढ़ लेता है, हवा ही हवा में..

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  11. मेरी साँसों के स्पंदन
    तेज होने लगे है,
    जब से,
    चिर-परिचित कदमो की
    आहट सुनाई दी है,

    मन के भावों का सुंदर संम्प्रेषण,,,,

    MY RECENT POST:...काव्यान्जलि ...: यह स्वर्ण पंछी था कभी...

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  12. सुंदर अभिव्यक्ति ...!

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  13. वाह ...क्या बात हैं ...इंतज़ार ऐसा भी होगा ......सोचा ना था ...बहुत खूब

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  14. सचमुच चिर-परिचित कदमो की आहट साँसों के स्पंदन को तीव्र कर ही देती है... सुन्दर प्रस्तुति

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  15. Replies
    1. Shukriya Devendra ji yaha tak aane aur rachnaka maan badhane ke liye

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  16. pyar hoga to jaroor aayenge vo.....pyar me bahut takat hoti hai bas vishwas dagmagana nahi chaahiye.

    sunder prastuti.

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  17. मन के गहरे और सुंदर भाव.....

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  18. बहुत ही प्यारा सा अहसास है..
    कोमल भावो से सजी सुन्दर रचना...

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  19. मेरे विरह की पीड़ा का,

    मेरे करुण क्रंदन का,

    कुछ तो मोल होगा

    उनकी निगाहों में,

    आपकी उम्मीद पूरी हो ....
    ऐसी मैं उम्मीद कर रही हूँ .....

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  20. प्रेम और विश्वास से परिपूर्ण भाव, सुन्दर रचना.

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  21. मेरी साँसों के स्पंदन
    तेज होने लगे है,
    जब से,
    चिर-परिचित कदमो की
    आहट सुनाई दी है,
    prem ki sunder abhivyakti
    rachana

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