बहुत दिन बीते ख्वाबो में मिले
अब हकीकत में आ जाओ तो चैन आ जाये
नजरे मेरी, कब से तुझे आईने में निहारे
अब खुद मुख़ातिब हो जाओ तो चैन आ जाये
कब के टूटे अरमान मेरे, जुड़ते ही नहीं
खुद टूट के आ जाओ तो चैन आ जाये
मुहाने खड़े रहे समुंदर के, तो क्या हासिल
तुम बूँद बन के आओ तो चैन आ जाये
जैसे गीत गया हो पत्थरों ने, खुदा बनके
ऐसे ही कोई गीत सुना जाओ तो चैन आ जाये
मै पर्दा नशीं हो जाऊ, इस दुनियां जहाँ से
ऐसे कभी पर्दा हटाओ तो चैन आ जाये
अरसा गुजर गया चाँद की चांदनी देखे
खुद चांद बन के आओ तो चैन आ जाये