“मीलों लम्बे सफ़र
मीलो लम्बे कारवां,
तलाशते जिंदगी
अनाड़ियों की तरह”
“पंखो की थकान
मन का भटकाव,
एक अंतहीन सफ़र
पानी के बुलबुलों की
तरह”
“तेज बहती धारा
मंद –मंद बहती हवा,
सोते हुए लोग
भागते तेज बदलो की
तरह”
“पैगाम एक दुसरे का
एक-दुसरे की जुबान
पर,
अस्थिर जीवन फीकी
रौशनी
यहाँ सब कुछ एक
तिलिस्म की तरह”
अमर ====