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Thursday, November 3, 2011

"मंजिल की तलाश में"


मेरी  मंजिल!!
न ये जिंदगी है ....
न ये आसमां........, 
हर सुबह दौड़ता हूँ 
फिर भी मंजिल की तलाश में !!!!!!!!

कोई पुकारे मुझको,
मेरे अतीत से 
तो कोई सामने  से
मुझको आवाज दे , 
गंतव्य है मेरा कहाँ , नहीं जानता 
बस दौड़ता जाता हूँ ,  बेकस ,बेबस , बेसबब
मंजिल की तलाश में !!!!!!!!

मै बन गया हु,
इक रेल का डिब्बा,
है कौन सा स्टेशन , मेरा अंतिम पड़ाव 
नहीं जानता, 
रुकता हूँ कुछ घडी , कुछ पल 
फिर अगले ही पल 
आती है इक आवाज ssssssss
बदल देती है जो मेरी पहचान के मायने 
मै फिर दौड़ने लगता हूँ 
मंजिलो की तलाश में !!!!!!!

यहाँ है सबके अपने अपने उसूल
सबके अपने अपने दायरे 
कुछ घडी तो,
साथ चले हमसफ़र बनके 
फिर अगले ही स्टेशन पर
उतर पड़े अजनबी बनके, 
मै फिर दौड़ने लगता हूँ 
मंजिल की तलाश में !!!!!!!

                                             अमरेन्द्र शुक्ल 'अमर'

48 comments:

  1. हकीकत को बयाँ करती सशक्त रचना।

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  2. खूबसूरत कविता.. बहुत बढ़िया...

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  3. मेरी मंजिल!!
    न ये जिंदगी है ....
    न ये आसमां........,
    हर सुबह दौड़ता हूँ
    फिर भी मंजिल की तलाश में !!!!!!!!बहुत ही बढ़िया.....

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  4. वाह ...बहुत खूब कहा है ...

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  5. हम सब अपनी अपनी मंजिल की तलाश में ही तो भटक रहे हैं...बहुत प्रभावशाली रचना...बधाई स्वीकारें

    नीरज

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  6. सच कहा ... सबको अपनी अपनी मंजिल की तलाश है ...

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  7. आज 03 - 11 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....


    ...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
    _____________________________

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  8. अच्छा लिखा है अमरेन्द्र भाई...
    सादर बधाई...

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  9. ज़िंदगी भर मंजिल कि तलाश में भटकते रहते हैं .. अच्छी प्रस्तुति

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  10. कविता अच्छी है मगर मंजिल है कहाँ ?

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  11. मंजिल की तलाश ही तो है जिंदगी का दूसरा नाम...चलते रहना बिना रुके... सुन्दर रचना

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  12. डिब्बे इंजन द्वारा ही संचालित होते हैं...यदि परमात्मा को इंजन मान लिया जाए...तो डिब्बे को फिकर नहीं रह जाती...सफ़र का मज़ा लीजिये...मंजिलें बहुत मिलेंगी...

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  13. जीवनभर मंजिल की तलाश ही चलती है !!

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  14. यथार्थपरक कविता

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  15. प्रभावशाली कविता.... बहुत सुंदर

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  16. sochen pe majboor kar diya
    kya dhyey hai mere jeevan ka??

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  17. बहुत खूब... भावों की बहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति.. ..........बहुत ही सधे हुए शब्दों में आपने रचना को लिखा है .

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  18. sudar abhivyakti aur prabhaavshaali rachna .... badhai amrendra ji

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  19. बहुत सुन्दर.. हमेशा की तरह |

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  20. प्रभावशाली कविता. बहुत सुंदर
    बहुत खूब..

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  21. हरेक सफ़र को महफ़ूज मंजिल की तलाश है .....तलाश पूरी हो !

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  22. सुंदर शब्दों के साथ लिखी भाव पूर्ण रचना,बहुत सुंदर अच्छी पोस्ट ..
    मेरे नए पोस्ट पर स्वागत है ....

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  23. मंजिल की तलाश ही ....नाम है जिंदगी का !!!
    शुभकामनायें!

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  24. सत्यपरक अभिव्यक्ति...बहुत सुन्दर|

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  25. आपके पोस्ट पर आना बहुत ही अच्छा लगा । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

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  26. मेरी मंजिल!!
    न ये जिंदगी है ....
    न ये आसमां........,
    हर सुबह दौड़ता हूँ
    फिर भी मंजिल की तलाश में !!!!!!!!

    प्रभावशाली कविता

    ReplyDelete
  27. ये जीवन हमारा निरंतर सफ़र है, जो मंज़िल पे पहुँचे तो मंज़िल बढा दी ...

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  28. सुन्दर शब्दों से सुसज्जित लाजवाब रचना लिखा है आपने ! बहुत सुन्दरता से सच्चाई को शब्दों में पिरोया है! शानदार प्रस्तुती!
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  29. एक उम्र गुजर जाती है मंज़िल की तलाश में ! खूबसूरत रचना ।

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  30. यहाँ है सबके अपने अपने उसूल
    सबके अपने अपने दायरे
    कुछ घडी तो,
    साथ चले हमसफ़र बनके
    फिर अगले ही स्टेशन पर
    उतर पड़े अजनबी बनके,
    मै फिर दौड़ने लगता हूँ ....
    वास्तव में जिंदगी इसी रूप में दौड़ती रहती है

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  31. @Ismat Jaidi ji Shukriya

    @Vandana Ji shukriya

    @ Sada Ji thanks a lot

    @Arun CHand Roy ji shukriya

    @ Sushmja ji Shurkiya

    ReplyDelete
  32. @Neeraj Goswami ji shukriya

    @ Digambr Naswa ji shukriya

    @Sangeeta Swaroop ji Shukriya

    @Kuwer Kusumesh ji Shukriya

    @ S M Habib Ji shukriya

    aap sabhi se nivedan hai ki aise hi apna sneh banaye rakhiyega

    ReplyDelete
  33. @sangeeta Swaroopp ji shukriya,
    @kuwer Kusumesh Ji shukriya,
    @Sandhya Sharma Ji shukriya
    @Mahendra ji Shukriya
    @Vanbhatt ji shukriya
    aap sabhi ka sadar abhinandan

    ReplyDelete
  34. @Sangeeta Puri ji shukriya,

    @Anamika ki Sadaye ji ji shukriya,

    @ Ana ji shukriya,

    @ vanbhatt ji shukriya

    @Mridula Herswerdhan ji Shukriya

    @Sanjay ji shukriya,

    @Utpal Mishra Ji Shukriya

    aap sabhi se nivedan hai ki aise hi aaap apna sneh aur sahyog banaye rakhe.aabhar

    ReplyDelete
  35. @Amrita Tanmay Ji Shukriya
    @ Reena Maurya Ji Shukriya
    @ Dr Sonrupa Ji bahut Bahut Shukriya
    @ Dheerendra Ji Shukriya
    @ Ashok Saluja Sir ji
    @ RIta Shkhar Madhu Ji Shukriya

    aapko tahe dil se shukriya
    aabhar

    ReplyDelete
  36. @ Prem Sarover Ji Shukriya

    @ Sunny Ji Shukriya

    @ Smart Indian Ji Shukriya

    @ Babli Ji Shukriya

    @ Rajnish Tiwari ji shukriya

    @ Vandana Ji Shukriya

    ReplyDelete
  37. bahut achche aitarman ke bhaavon ko darshaya hai is kavita me bahut achchi

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  38. बहुत बेहतरीन अभिव्यक्ति,बधाई !

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  39. बेहतरीन ,खूबसूरत रचना सुंदर पोस्ट....
    मेरे नई पोस्ट "वजूद"में आप का स्वागत है |

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  40. सत्य को उजागर करती रचना .......इस भागमभाग वाली जिन्दगी में..किसी को किसी के लिए वक़्त ही नहीं है ......

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  41. @Rajesh Kumari Ji Shukriya
    @Human Ji Shukriya
    @ Dheerendra Sahab ji
    and
    @ Anju Di ji
    bahut bahut shukriya aap sabhi ka aise hi apna prem hamare uper banaye rakhiyega

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  42. बहुत ही सुन्दर एवं भावपूर्ण रचना...

    मेरे ब्लॉग पे आपका हार्दिक स्वागत है ..
    सदस्य बन रहा हू यानि कि दोस्त ताकि आगे भी साथ बना रहे !

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  43. Very impressive and interesting! Congrats !

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  44. मेरी मंजिल!!
    न ये जिंदगी है ....
    न ये आसमां........,
    हर सुबह दौड़ता हूँ
    फिर भी मंजिल की तलाश में ... bhaut hi khubsrat rachna....

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