फिर भी यादें कम है
दर्द पहले से ज्यादा हुआ है,
फिर भी दर्द कम है .....
सपने है आँखों में जागे जागे
और आज आँखों में नींद कम ,है
यूँ तो जी रहे है हम जिंदगी से ज्यादा
फिर भी लगता है ये जिंदगी कम है.....
यु तो देखे है हमने, जीवन के
सब रंग,
फिर भी ये तेरे रंग से रंगी कम है ......
मै अब कही भूल न जाऊ ,
तुम्हे, भूल जाने के बाद,
अब इक यही गम है
आ जाओ मेरी रूह-ए- तमन्ना
कि तुमसे मिलें जमाना बीत गया,
यादें है तेरी, मेरी साँसों में बसी,
पर लगता है शायद अब मेरी साँसे कम है
आ जाओ मेरी रूह-ए- तमन्ना !!!! ...........
सुन्दर रचना .......
ReplyDeleteरचना पड़ने के बाद मेरा ध्यान शीर्षक पर गया ...इसका क्या मतलब?
ReplyDeleteआपको ऐसा क्यों लगता है कि सांसें कम हैं.
ReplyDeletevery beautiful...
ReplyDeleteyaadon ko itna sundar saza nahi paaya kabhi...
Manjula ji shukriya ,
ReplyDelete"aur rahi baat shirshak ki to ye rachna us vyakti ki hai jo apne antim palon me bhi apne pyar ki hi talash kerta hai aur uski yaadon me khoya hai"
Unki yadon ki jaroorat har samay hoti hai ... antim samay bhi ...
ReplyDeleteNice one.
ReplyDeleteखूबसूरती से बयाँ किये हैं यह अंतिम पल भी ...
ReplyDeleteखूबसुरत प्रस्तुति...
ReplyDeleteप्यार और चाहत अंतिम साँस तक ....अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteप्रेम का प्रवाह अंतिम साँस तक..... रचना में अंतिम पंक्ति तक....
ReplyDeleteSundar rachna
ReplyDeleteबढ़िया अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteसलाम.
Rahul Singh Ji Virah agni me Virah sahne wale vyakti ko her wakt uski saanse kam si lagti hai so*********
ReplyDeleteyaha tak aane aur rachna ka margdershan karne ke liye shukriya ******
संगीता स्वरुप ( गीत )ji yaha tak aane aur kavita ka maan rakhne ke liye shukriya
ReplyDeleteकाफी सुन्दर शब्दों का प्रयोग किया है आपने अपनी कविताओ में सुन्दर अति सुन्दर
ReplyDeleteबहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पार आना हुआ
सुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteआ जाओ मेरी रूह-ए- तमन्ना
ReplyDeleteकि तुमसे मिलें जमाना बीत गया,
यादें है तेरी, मेरी साँसों में बसी,
पर लगता है शायद अब मेरी साँसे कम है ..
सुन्दर कविता के साथ ही आपका सुन्दर मन ..दिल लुभा गया ..
wah kya kahna!so imotionaly. thanks
ReplyDeleteBeautiful creation !
ReplyDeletethanks.
खूबसुरत प्रस्तुति|धन्यवाद|
ReplyDeleteयूँ तो जी रहे है हम जिंदगी से ज्यादा
ReplyDeleteफिर भी लगता है ये जिंदगी कम है.....
bahut khoob
वाह अच्छा लिखा है
ReplyDeleteखूबसुरत प्रस्तुति......
ReplyDeletePooja JI aapka yaha aana hamare gher me jaise roshni ker gaya.shukriya
ReplyDeleteNaswa ji hausla afjai ke liye abhari hu aapka ........
ReplyDeleteRajiv ji rachna ka maan rakhne ke liye bahut bahut shukriya
ReplyDeleteSangeeta Swarup ji Bahut Bahut Shukriya.aise hi aap apna ashirwad banaye rakhein.......
ReplyDeleteSushil B. Ji aap yaha tak aaye man ko santusti mili..........
ReplyDeleteSurendra Singh ji aise hi aap sadaiv saath banaye rahiyega..........aapka snehi amrendra 'amar'
ReplyDeleteDr. Monika Sharma ji aapne bikul sahi nabj pakdi hai Rachna ki .shukriya maan rakhne ke liye *****
ReplyDeleteविनोद जेठुडी - दगडिया उत्तराखन्डी abahari hu aapka
ReplyDeleteVishal Ji rachna ko sarahne ke liye shukriya
ReplyDeleteSanjai Bhaisahab aap to char chand laga dete hai yaha aaker.hume hamesha aapka intejaar rehta hai ............
ReplyDeleteIndranil Bhattacharjee ........."सैल ji shukriya
ReplyDeleteदर्शन कौर धनोए ji rachna ko gehrai ko samajhne aur itne subder comments dene ke liye mai aapka tahe dil se shukriya ada kerta hun
ReplyDeleteDr.Sushila Gupta ji shukriya
ReplyDeleteZeal ji aap ke comments ka besbari se intejar rehta hai .......jaise gopi ko kanaha ka waise hi hume aapke comments ka .shukriya
ReplyDeletePatali-The-Village ji utsaah verdhan ke liye shukriya
ReplyDeleteशुभकामनायें अमरेन्द्र !
ReplyDeletebeautifully written.
ReplyDeleteखट्टी - मिट्ठी अहसासों से सजी खुबसूरत रचना |
ReplyDeleteआ जाओ मेरी रूह-ए- तमन्ना
ReplyDeleteकि तुमसे मिलें जमाना बीत गया,
यादें है तेरी, मेरी साँसों में बसी,
पर लगता है शायद अब मेरी साँसे कम है
.
बहुत ही सुंदर रचना ..
यु तो देखे है हमने, जीवन के
ReplyDeleteसब रंग,
फिर भी ये तेरे रंग से रंगी कम है ......
मै अब कही भूल न जाऊ ,
तुम्हे, भूल जाने के बाद,
अब इक यही गम है
bahut badhiya .komal bhavo se bhari .
Dilbag Virk ji shukriya utsaah verdhan kerne ke liye , umeed hai milna julna laga rahega.....
ReplyDeleteKajal Kumar ji gher padharne (blog)ke liye shukriya
ReplyDeleteSunil Kumar ji rachna ka maaan rakhne ke liye bahut bahut shukriya
ReplyDeleteसतीश सक्सेना ji shukriya
ReplyDeleteचारो तरफ फैली है यादें तेरी
ReplyDeleteफिर भी यादें कम है
दर्द पहले से ज्यादा हुआ है,
फिर भी दर्द कम है .....
बहुत कोमल अहसास...बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..
सपने है आँखों में जागे जागे
ReplyDeleteऔर आज आँखों में नींद कम ,है
यूँ तो जी रहे है हम जिंदगी से ज्यादा
फिर भी लगता है ये जिंदगी कम है....
बहुत बढ़िया पोस्ट!
Kunwar Kusumesh ji shukriya
ReplyDeleteMinakshi Pant ji hausla afjai ke liye bahut bahut shukriya
ReplyDeleteएस.एम.मासूम ji yaha tak aane ke liye mai aapka tahe dil se shukriya ada kerta hun......
ReplyDeleteज्योति सिंह ji shukriya
ReplyDeleteKailash C Sharma JI BAHUT BAHUT SHUKRIYA
ReplyDeleteSawai SIingh Rajpurohi ji rachna ko sarahne ke liye bahut bahut shukriya...........
ReplyDeleteआ जाओ मेरी रूह-ए- तमन्ना
ReplyDeleteकि तुमसे मिलें जमाना बीत गया,
यादें है तेरी, मेरी साँसों में बसी,
पर लगता है शायद अब मेरी साँसे कम है ...
बहुत खूब....प्यार और चाहत अंतिम साँस तक .... इनके लिए तो कई जन्म भी कम हैं...अच्छी प्रस्तुति
amrendra ji
ReplyDeletewaqai chahat ki koi umr nahi hoti .jivan ke antim sans tak aankhen bas unhi ki rah takti rahti hain jinse ham behad be intha prem karte hain .
aapki prastuti bahut hi shalinta ke saathman ke jajbaato ko ujagar karti hai.
ati sundar
badhai
poonam
काहे भैया, जी जलाने के वास्ते बुलाया था यहाँ हमें? इतना खूबसूरत लिख पाते तो हम भी जरूर धड़ल्ले से लोगों को निमंत्रित करते:))
ReplyDeleteबहुत प्यारे जज़्बात जाहिर किये हैं, अमरेन्द्र जी। पढ़वाने के लिये शुक्रिया।
मेरी लड़ाई Corruption के खिलाफ है आपके साथ के बिना अधूरी है आप सभी मेरे ब्लॉग को follow करके और follow कराके मेरी मिम्मत बढ़ाये, और मेरा साथ दे ..
ReplyDeleteसंध्या शर्मा ji shukriya
ReplyDeleteJHAROKHA (Poonam) ji itne acche comments ke liye bahut bahut shukriya shukriya
ReplyDeleteसंजय @ मो सम कौन ji tahe dil se shukriya
ReplyDeleteसारा सच ji hum aapke saath hai
ReplyDeleteYathaarh ke behad kareeb.
ReplyDelete-----------
क्या ब्लॉगों की समीक्षा की जानी चाहिए?
क्यों हुआ था टाइटैनिक दुर्घटनाग्रस्त?
shukriya Rajneesh ji
ReplyDeleteसपने है आँखों में जागे जागे
ReplyDeleteऔर आज आँखों में नींद कम ,है
यूँ तो जी रहे है हम जिंदगी से ज्यादा
फिर भी लगता है ये जिंदगी कम है.....
रचना में भावाभिव्यक्ति बहुत अच्छी है.. ...बधाई.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएँ| धन्यवाद|
ReplyDeleteDr (Miss) Sharad Singh ji shukriya
ReplyDeletePatali-The-Village
ReplyDeleteनव-संवत्सर और विश्व-कप दोनो की हार्दिक बधाई .
ReplyDeleteअच्छी पोस्ट और आपको बधाई
ReplyDeleteVivek Jain vivj2000.blogspot.com
क्रिकेट विश्वकप विजय पर हार्दिक बधाई ....एवं नव वर्ष (नव संवत्सर ) की हार्दिक शुभकामनायें स्वीकारें
ReplyDeleteमनोभावों को खूबसूरती से पिरोया है। बधाई।
ReplyDeleteनव-संवत्सर और विश्व-कप विजय ...दोनो की हार्दिक शुभकामनायें .
Dr Varsha Singh ji shukriya aur aapko bhi bahut bahut badhai
ReplyDeleteKunwar Kusumesh ji shukriya
ReplyDeleteVivek Jain ji hausla afjai ke liye bahut bahut shukriya
ReplyDeleteसुरेन्द्र सिंह " झंझट " ji aapko bhi bahut bahut badhai....yaha tak aane ke liye aapka bahut bahut shukriya
ReplyDeleteसुन्दर रचना ..बधाई।
ReplyDeleteShukriya shiva ji
ReplyDeletebahut hi sunder rachna hai. achha laga aapko padhkar.
ReplyDeleteshubhkamnayen
आ जाओ मेरी रूह-ए- तमन्ना
ReplyDeleteकि तुमसे मिलें जमाना बीत गया,
यादें है तेरी, मेरी साँसों में बसी,
पर लगता है शायद अब मेरी साँसे कम है .
बहुत खूब.... .अच्छी प्रस्तुति
prritiy---------sneh ji shukriya aapka yaha aana hume bhi bahut acha laga
ReplyDeleteरजनी मल्होत्रा ji shukriya .der se hi sahi aap aaye to ........hum to kabse aapka intejar ker rahe the ................
ReplyDeleteतुम्हें भूल न जाऊँ भूल जाने के बाद------ वाह अन्दाज़ अच्छा है याद करने का , अच्छी भावमय रचना\ बधाई।
ReplyDeleteshukriya Nirmala Kapil Ji
ReplyDeleteप्रेम की सहस्त्र धाराएं ह्रदय से निकलकर शब्दों में आ बहीं.
ReplyDelete..बहुत सुंदर...अच्छा लगा आपको पढ़ना..
आभार..
आपको बधाई....
गीता पंडित ji blog tak aane aur rachna ka maan rakhne ke liye bahut bahut shukriya
ReplyDeletejab ruh me base ho tum mere to rahgujar kaise ho sakte ho ,me kabhi aapni ankh band karti hi nahi to bhala tum aankh se meri kaise ojhal ho sakte ho.....nice ....amar...
ReplyDeleteसपने है आँखों में जागे जागे
ReplyDeleteऔर आज आँखों में नींद कम ,है
यूँ तो जी रहे है हम जिंदगी से ज्यादा
फिर भी लगता है ये जिंदगी कम है.....
nice..
Richa ji shukriya ........umeed hai aise hi ab milna julna laga rahega..........:)
ReplyDeletePawan Gujar ji bahut bahut shukriya itne sunder comments dene ke liye .mai aapka hardik aabhari hun.ummed kerta hu aap aise hi apna sneh banaye rakhenge......
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