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Friday, February 17, 2012

मेरा शहर



मदमस्त हवाओ से भरा 
ये मेरा शहर 
आज मेरे लिए ही बेगाना क्यू है 
हर तरफ
महकते फूल, चहकते पंक्षी 
फिर मुझे ही 
झुक जाना  क्यू है 

आज फिर इक चुप्पी सी साधी है 
इन हवाओ ने,
मेरे लिए
नहीं तो कोई,
दूर फिजाओ में जाता क्यू है 

छुपा रहा है
हमसे कोई राज, ये पवन 
नहीं तो और भी है,
इसकी राहों में 
ये इक हमी को तपाता क्यू है 

आज बड़ा खुदगर्ज, बड़ा मगरूर
सा लगता है ये मेरा शहर 
शायद इसकी मुलाकात हुई है  'उनसे'
नहीं तो ये हमी को जलाता क्यू है 

'अमर' जरूर,  रसूख 
कुछ कम हुआ है शायद  
वरना ये अपना हुनर 
हमी पे  दिखाता क्यू है 

58 comments:

  1. महकते फूल, चहकते पंक्षी
    फिर मुझे ही
    झुक जाना क्यू है
    वाह ...बहुत बढिया।

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  2. आज बड़ा खुदगर्ज, बड़ा मगरूर
    सा लगता है ये मेरा शहर
    शायद इसकी मुलाकात हुई है 'उनसे'
    नहीं तो ये हमी को जलाता क्यू है

    एहसासों को खूब लिखा है ॥

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  3. आज बड़ा खुदगर्ज, बड़ा मगरूर
    सा लगता है ये मेरा शहर
    शायद इसकी मुलाकात हुई है 'उनसे'
    नहीं तो ये हमी को जलाता क्यू है

    ए 'अमर' जरूर, रसूख
    कुछ कम हुआ है शायद
    वरना ये अपना हुनर
    हमी पे दिखाता क्यू है ……………वाह वाह वाह …………दिल को छूती अभिव्यक्ति।

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  4. वाह! सुन्दर रचना...
    हार्दिक बधाई..

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  5. कुछ इस कदर गम ए जिंदगी से हैं दिल भरा
    आती हुई बहारों में भी दिल नहीं लगता |......अनु

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  6. ए 'अमर' जरूर, रसूख
    कुछ कम हुआ है शायद
    वरना ये अपना हुनर
    हमी पे दिखाता क्यू है ...............
    कमजोर हम नहीं शायद
    ये वक्त का तकादा ही है.............बहुत खूब..... यशोदा

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  7. Replies
    1. Rajesh Kumari ji bahut bahut shukriya
      aapka sneh accha lga

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  8. ए 'अमर' जरूर, रसूख
    कुछ कम हुआ है शायद
    वरना ये अपना हुनर
    हमी पे दिखाता क्यू है| सुन्दर रचना,
    हार्दिक बधाई..

    ReplyDelete
  9. आज बड़ा खुदगर्ज, बड़ा मगरूर
    सा लगता है ये मेरा शहर
    शायद इसकी मुलाकात हुई है 'उनसे'
    नहीं तो ये हमी को जलाता क्यू है ... waah

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    Replies
    1. Adarniya RAshmi Ji bahut bahut shukriya ..aisehi apna sneh banaye rahiye hamare uper

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  10. बड़ी वाज़िब शिकायत है, आपकी अपने ही शहर से...
    दिल से निकली हूक..दूर तलक जायेगी !
    शुभकामनाएँ!

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  11. भावनाओं की अच्छी अभिव्यक्ति

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  12. बेहतरीन अंदाज़..... सुन्दर
    अभिव्यक्ति.

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  13. छुपा रहा है
    हमसे कोई राज, ये पवन
    नहीं तो और भी है,
    इसकी राहों में
    ये इक हमी को तपाता क्यू है ......bahut khoobsurat prastuti ......waah , har pahara kuch alag kahata sa ,,,,,:)

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  14. ए 'अमर' जरूर, रसूख
    कुछ कम हुआ है शायद
    वरना ये अपना हुनर
    हमी पे दिखाता क्यू है waah amar ji bdi achchi aur jabardast lekhni chalai aapne.

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    Replies
    1. Dr. Nisha ji rachna ke saath saath hamara maan rakhne ke liye bahut bahut bahut shukriyan

      Delete
  15. मदमस्त हवाओ से भरा
    ये मेरा शहर
    आज मेरे लिए ही बेगाना क्यू है

    *
    आज बड़ा खुदगर्ज, बड़ा मगरूर
    सा लगता है ये मेरा शहर
    शायद इसकी मुलाकात हुई है 'उनसे'

    Amarji, jawaab aapne khud hi de diya hai! Mohabbat mai aksar aisa hi hota hai...sab kuch vaisa rahkar bhi vaisa nahi rah jaata. Jindagi phir kabhi pehle jaisi nahi hoti!

    Bhagwan se dua hai aapko mohabbat ki khoobsurati hamesha mile.

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    Replies
    1. Shaifali ji aapka bahut bahut shukriyan .............aapki duwaon ka aser hone lga hai ............aabhar

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  16. ए 'अमर' जरूर, रसूख
    कुछ कम हुआ है शायद
    वरना ये अपना हुनर
    हमी पे दिखाता क्यू है...

    बड़े-बड़े शहरों में ऐसा ही होता है...

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  17. Replies
    1. Rekha Srivastava ji yaha tak aane aur rachna ka maan rakhne ke liye shukriyan

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  18. बहुत खूब अमरेन्द्र जी...
    :)

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  19. बहुत ही सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति...

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  20. बहुत सुन्दर....
    भावपूर्ण अभिव्यक्ति अमरेन्द्र जी...

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  21. जब किसी का साथ नहीं होता तो सक कुछ अनजाना सा ही लगता है ...
    गहरी अभिव्यक्ति है ...

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  22. हर शहर का व्यक्तित्व होता है, वह हर रहने वाले से बतियाता है।

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  23. बेहतरीन भाव ,सुन्दर रचना...

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  24. ए 'अमर' जरूर, रसूख
    कुछ कम हुआ है शायद
    वरना ये अपना हुनर
    हमी पे दिखाता क्यू है

    आपने अपनी प्रस्तुति को बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया है । सदा सृजनरत रहें ।मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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  25. bahut sunder prastuti.bahut badhaai aapko .

    आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली (३२) में शामिल किया गया है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप सबका आशीर्वाद और स्नेह इस मंच को हमेशा मिलता रहे यही कामना है /आभार /इस मीट का लिंक है
    http://hbfint.blogspot.in/2012/02/32-gayatri-mantra.html

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  26. sunder chitra ...sunder rachna ...aaj aapka blog join kar liya ...
    shubhkamnayen.

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  27. कल 30/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  28. वाह क्या बात है बहुत खूब....

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