पिये जा, जिये जा ,
उसके अश्को को ही सही
पर तू पिये जा जिये जा
कल तक कमी थी
आज पूरी हो जाएगी
तेरे साथ न सही
संग यादो में दौड़ी चली आएगी
यहाँ मय भी है
मीना भी है
यादों में उसकी
जीना भी है
उतार इक घूंट,
उसकी यादों का
तू हलक के नीचे
यहाँ नशेमन भी है
और नशा -ए-यार भी
रख सामने साकी,
तू देख तो जरा
नशा किस्मे है
यहाँ तेरा हमदर्द (मय) भी हैं
और तेरा यार भी
पैमाने टूटते है
तो टूट जाने दो
आज हौसला रखो अपने हौसले का
देख वफ़ा किस्मे है
आज वो भी है
और उनकी यादे भी
पैमाने टूटते है
ReplyDeleteतो टूट जाने दो
आज हौसला रखो अपने हौसले का
देख वफ़ा किस्मे है
आज वो भी है
और उनकी यादे भी
-क्या बात है ...बहुत खूब!
माने टूटते है
ReplyDeleteतो टूट जाने दो
आज हौसला रखो अपने हौसले का
देख वफ़ा किस्मे है
आज वो भी है
और उनकी यादे भी ... khooburat kavita
अमरेन्द्र जी
ReplyDeleteसंभल कर … :)
शुभकामनाएं
रख सामने साकी
ReplyDeleteतू देख तो
नशा किसमे है '
...........................मस्त भाव की मस्त मस्त रचना
बहुत सुन्दर लिखा है। बे-मिशाल....
ReplyDeleteपैमाने टूटते है
ReplyDeleteतो टूट जाने दो
आज हौसला रखो अपने हौसले का
देख वफ़ा किस्मे है
आज वो भी है
और उनकी यादे भी
आप अपना असर छोड़ने में कामयाब हैं!
बहुत ही उम्दा प्रस्तुती
आज वो भी है
ReplyDeleteऔर उनकी यादें भी....
अच्छा है !!
उम्दा प्रस्तुति।
ReplyDeleteयहाँ मय भी है
ReplyDeleteमीना भी है
यादों में उसकी
जीना भी है
तू पी, और जी....
पसंद आई कविता, आभार.
"रख सामने साकी,
ReplyDeleteतू देख तो जरा
नशा किस्मे है
यहाँ तेरा हमदर्द (मय)भी हैं
और तेरा यार भी"
nashaa hi nashaa har su hai....
***punam***
"tumhare liye"
यहाँ मय भी है
ReplyDeleteमीना भी है
यादों में उसकी
जीना भी है ....
wah ! sunder ! ati sunder.....
गो हाथ की जुम्बिश नहीं...आँखों में तो दम है...
ReplyDeleteरहने दो अभी सागर-ओ-मीना मेरे आगे...बेहतरीन...
बहुत सुन्दर लिखा है।
ReplyDeletehttp://blogkikhabren.blogspot.com/2011/06/blog-post_23.html
bhut hi sunder rachna...
ReplyDeleteउतार इक घूंट,
ReplyDeleteउसकी यादों का
तू हलक के नीचे ..
Lovely.
Bahut badhiya rachna Shukla Saab.. bahut badhiya.
Likhe jaao.. padhaaye jaao.. :)
Shukriya Sameer ji ..aapke aane se rachna safal ho gayi
ReplyDeleteअरुण चन्द्र रॉय ji hausla afjai ke liye bahut bahut shukriya
ReplyDeleteRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ji swagat hai aapka
ReplyDeletesadar
सुरेन्द्र सिंह " झंझट " shukriya bus aap aise hi aate rahiyega...........
ReplyDeleteAmrita Tanmay ji mere gher me (blog)aane ke liye shukriya
ReplyDeleteSawai SIingh Rajpurohit ji aabhar
ReplyDeletedaanish ji shukriya yaha tak aane aur rachna ka maan rakhne ke liye
ReplyDeleteमनोज कुमार ji shukriya
ReplyDeleteअभिषेक मिश्र ji hausla fajai ke liye bahut bahut shukriya
ReplyDeleteAnonymous said...shukriya
ReplyDeleteलगता है कि हैंग ओवर होगा.
ReplyDeleteshayed aap sahi keh rahe hai,
ReplyDeleteshukriya Rahul Singh ji
पैमाने टूटते है
ReplyDeleteतो टूट जाने दो
आज हौसला रखो अपने हौसले का
देख वफ़ा किस्मे है
आज वो भी है
और उनकी यादे भी
वाह ...बहुत खूब कहा है ।
बहुत खूब .
ReplyDeleteक्या बात है ...बहुत खूब
ReplyDeleteपी.एस .भाकुनी ji bahut bahut shukriya
ReplyDeleteVaanbhatt ji shukriya
ReplyDeleteDR. ANWER JAMAL ji yaha tak aane ke liye bahut bahut aabhar
ReplyDeletesushma 'आहुति' ji thanx a lot for coming my blog
ReplyDelete•๋:A∂itya™© ji bahut bahut shukriya
ReplyDeleteसदा ji shukriya
ReplyDeleteKunwar Kusumesh ji hausla afjai ke liye bahut bahut shukriya
ReplyDeleteDilbag Virk ji shukriya
ReplyDeleteSunil kumar Ji shukriya
ReplyDeleteपैमाने टूटते है
ReplyDeleteतो टूट जाने दो
आज हौसला रखो अपने हौसले का
देख वफ़ा किस्मे है
आज वो भी है
और उनकी यादे भी
बहुत बढ़िया...
जीवन्त विचारों की बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें !
पैमाने टूटते है
ReplyDeleteतो टूट जाने दो
आज हौसला रखो अपने हौसले का
देख वफ़ा किस्मे है
आज वो भी है
और उनकी यादे भी
कायल हैं आपकी शानदार प्रस्तुति के.
'वो' और 'उनकी यादों' की अच्छी प्रतिस्पर्धा करादी है आपने.
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है.
वीना ji shukriya rachna ka maan rakhne ke liye
ReplyDeleteDr (Miss) Sharad Singh ji itne pyare comments ke liye bahut bahut shukriya
ReplyDeleteRakesh Kumar ji shukriya
ReplyDeletenice.....
ReplyDeleteshukriya nivedita ji
ReplyDeleteबहुत सुंदर.. वाह
ReplyDeletemahendra srivastava ji shukriya
ReplyDeletesachin ji bahut bahut shukriya
ReplyDeleteउतार इक घूंट,
ReplyDeleteउसकी यादों का
तू हलक के नीचे
यहाँ नशेमन भी है
और नशा -ए-यार भी
waah... amazing
Shukriya pooja ji
ReplyDeleteshandar
ReplyDeleteDr. Mishra Sahab Aapni najre is or bhi inayat krne keliye shukriya
ReplyDeleteआज हौसला रखो अपने हौसले का
ReplyDeleteदेख वफ़ा किस्मे है
आज वो भी है
और उनकी यादे भी
..... शानदार प्रस्तुति
Sanjay ji shukriya
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