बिलकुल जीवन सी ....
कभी शांत
अँधेरी रात के जैसे .....
कभी ऐसी मची हलचल ....
की सब बिखेर गया ..
मेरे जीवन के जैसे ..
चाह कर भी कुछ कर नहीं पाता अपने मन का ..
सब होता है उसी के मन का .....
क्या करू .....???????
कोई तो बताओ .......
इस अनजान रहो में कोई तो आओ .....
साथ न चलना चाहो मेरे कोई बात नहीं ....
खुशी तुम्हारी !!!!!
एक झलक रोशनी की तो दिखा जाओ .........
और न चाहिए कुछ भी .....
इक बार राह तो दिखा जाओ...........
सुन्दर भाव!
ReplyDeletethanx Sir................maine to kabhi socha hi nahi tha aapke comments bhi ho sakte hai mere blogs me.......
ReplyDelete