एक प्यारा सा पुष्प
पता नहीं उसे उसका महत्व
किसी के भी हाथो में जाने को है बेताब
कोई तोड़े कोई मरोड़े ....
कोई मंदिर में या मस्जिद में चढ़ा दे
बस उसे उसकी मंजिल तक पंहुचा दे
बस उसे उसकी मंजिल तक पंहुचा दे
वो तो बस मिट जाना चाहता है
अपने अस्तित्व को अस्तित्व से मिलाना चाहता है
आज है उसे इस बात की खुशी
वो किसी के काम तो आएगा ......
एक छोटा सा खुबसूरत पुष्प
आज है उसे इस बात की खुशी
वो किसी के काम तो आएगा ......
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