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Friday, October 16, 2009

"मेरी माँ "

मै हँसा तो हँसी मेरे साथ ,
मै रोया तो रोई मेरे साथ ,
मै जगा तो जगी मेरे साथ ,
मै सोया तो सोई मेरे साथ ,
खुद की कोई परवाह न की ..
हर कदम हर घडी मेरे साथ
"मेरी माँ"

मै कैसे भूल जाऊ वो पल ...
जब मेरी हँसी की खातिर वो रो भी न पाई
रोना भी चाहा तो उसे बस मेरी याद आयी,
वो जानती थी उनको रोता देखकर ...
शायद  मै भी रो पडूंगा .....
ये सोचकर वो आंसुओ को भी छुपा गई  ...
"मेरी माँ "

रात भर  जाग- जाग कर मुझे सुलाती मेरी माँ ...
खुद को सुखा कर मुझे खिलाती मेरी माँ ...

कभी न सोचा अपने तन का
हरदम मुझे कुछ नया पहनाती मेरी माँ ....
दो साड़ी में गुजार दी उम्र सारी....
मुझे पहनाती रही हर बार नया ....
"मेरी माँ "

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