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Thursday, February 24, 2011

आने वाली शाम



ये दिन भी बड़े अजीब  हैं 
जब शाम ढले तुम पास आते हों 
दोपहर अपनी सुनहरी चादर समेटता
शाम फैलाती अपनी ठंडी-ठंडी बाहें

रात की रागिनी करती हमारा इन्तजार 
अपनी पनाहों में लेने को 
चाँद भी चांदनी को भेजता ज़मी पर
हमे अपनी भीनी भीनी रौशनी में जगमगाने को 

ये तारे भी 
हमे अपने होने का अहसास दिलाते 
देख कर हमारे मिलन की बेला 
कही दूर गगन में टूट से जाते

तारो से बिछड़ने का गम 
चाँद भी न सह पता
मुझे तेरे आँचल में देखकर 
चंद पलो में रात को लेकर चला जाता 

और कब हमारे मिलन की ऋतु बीत जाती  
ये हम जान भी न पाते 
हम फिरआने वाली शाम का इंतजार करते, 

ये दिन भी बड़े अजीब  हैं 
जब शाम ढले तुम पास आते हों 

76 comments:

  1. ये तारे भी
    हमे अपने होने का अहसास दिलाते
    देख कर हमारे मिलन की बेला
    कही दूर गगन में टूट से जाते

    सुंदर अभिव्यक्ति .....

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  2. शब्द जैसे ढ़ल गये हों खुद बखुद, इस तरह कविता रची है आपने।
    अमरेंदर भाई तारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.

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  3. कोमल अहसासों का सुन्दर चित्रण किया आपने बधाई!

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  4. कोमल कोमल अहसासात कविता में ढल गए .बहुत बढ़िया.
    plz.visit my blog: kunwarkusumesh.blogspot.com

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  5. ये तारे भी
    हमे अपने होने का अहसास दिलाते
    देख कर हमारे मिलन की बेला
    कही दूर गगन में टूट से जाते
    बहुत खूब ... अच्छे भावों से सजाया है रचना को ..

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  6. "ये तारे भी
    हमे अपने होने का अहसास दिलाते
    देख कर हमारे मिलन की बेला
    कही दूर गगन में टूट से जाते.."....
    ...शानदार रूमानी कविता।

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  7. डॉ॰ मोनिका शर्मा जी बहुत बहुत शुक्रिया

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  8. संजय जी रचना का सम्मान रखने क लिए शुक्रिया.

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  9. जयकृष्ण राय तुषार जी हौसला अफजाई के लिए आभारी हु आपका , उम्मीद है अब मिलना जुलना लगा रहेगा

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  10. ज़ाकिर अली ‘रजनीश' जी शुक्रिया

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  11. ktheLeo जी शुक्रिया

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  12. भावनाओं का सुन्दर अहसास.

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  13. सुंदर अभिव्यक्ति ..... आभार.

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  14. इस आने वाली शाम की सुबह भी जल्‍द आए.

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  15. प्रेमरस में सराबोर सुन्दर शब्दरचना बहुत ही मनमोहक है !

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  16. ये तारे भी
    हमे अपने होने का अहसास दिलाते
    देख कर हमारे मिलन की बेला
    कही दूर गगन में टूट से जाते
    सुंदर पंक्तियां...सुंदर भाव

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  17. दिगम्बर नासवा ji shukriya yaha tak aane k liye aur
    rachna ka maan badhane k liye

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  18. Bakliwal ji rachna ka samman rakhne k liye aapke bahumulya commenta k liye abhari hu

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  19. Rajesh ji shukriya.aur is shaam ki subah bhi jald hi aayegi ...bus aap aise hi aate rahiye

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  20. Veena ji is gher (blog)ki shobha me char chand lagane k liye mai aapka dil se abhari hu shukriya

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  21. शब्दों मे भावनाओं का चित्रण अच्छा लगा। शुभकामनायें।

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  22. वाह...प्रेमपूर्ण बहुत ही भावुक कोमल मनोहर अभिव्यक्ति....

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  23. Nirmala Di Ji Pranam aur aapka yaha aana hume bahut accha lagta hai, abhaar

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  24. This comment has been removed by the author.

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  25. बहुत अजीब होते हैं प्रेम के पल.
    उम्दा अभिव्यक्ति.
    सलाम.

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  26. रात की रागिनी करती हमारा इन्तजार
    अपनी पनाहों में लेने को
    चाँद भी चांदनी को भेजता ज़मी पर
    हमे अपनी भीनी भीनी रौशनी में जगमगाने को ....

    हृदयस्पर्शी पंक्तियां हैं......
    अच्छी कविता के लिये बधाई स्वीकारें।

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  27. आपकी इस अति सुंदर रचना के लिए ढेर सी बधाई.आप मेरे ब्लॉग
    'मनसा वाचा कर्मणा' आये इसके लिए आपका आभारी हूँ .कृपया ,
    समय समय पर आकर अपने बहुमूल्य विचारों से सहयोग प्रदान करते रहिएगा .

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  28. बहुत खूबसूरत एहसास .....पता की जगह पाता कर लें ..

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  29. ये तारे भी
    हमे अपने होने का अहसास दिलाते
    देख कर हमारे मिलन की बेला
    कही दूर गगन में टूट से जाते
    sundar bahut hi .aap aaye aabhari hoon .

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  30. वाह ...बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द रचना ...मेरे ब्‍लाग पर प्रोत्‍साहन के लिये आपका आभार ।

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  31. तारो से बिछड़ने का गम
    चाँद भी न सह पता
    मुझे तेरे आँचल में देखकर
    चंद पलो में रात को लेकर चला जाता

    और कब हमारे मिलन की ऋतु बीत जाती
    ये हम जान भी न पाते
    हम फिरआने वाली शाम का इंतजार करते,

    बहुत गहरे और प्रेम भरे कोमल अहसास... बहुत सुन्दर... इंतज़ार की कशिश है हर शब्द में....

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  32. बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द रचना|धन्यवाद|

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  33. sagebob ji aapka yaha per aana bahut accha laga,
    umeed kerta hu aap apna pyar aur sneh aise hi banaye rakhengi.....shukriya

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  34. Dr (Miss) Sharad Singh ji aapke bahumulya commenta k liye bahut bahut shukriya......

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  35. Rakesh Kumar ji bahut bahut shukriya, aapka yaha tak aane aur apna bahumulya comments dene k liye ,
    ummed kerta hu ab aise hi aana jana laga rahega ......

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  36. संगीता स्वरुप ( गीत )ji aapke keemti sujhao k liye mai tahe dil se shukriya ada kerta hu .......
    aapke comments se ahsaas hota hai ki wakai me aapne dil se comments diya hai , sudhar kerne ke liye mai aapka bahut bahut abhari hu

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  37. jyoti singh ji ye sab to chalta hi rahega kabhi hum aapke gher aayenege , kabhi aap humare gher, choti si to duniya hai aana jan to laga hi rahega ...shukriya aapke bahumulya sabdo se bhare comments ka ...........

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  38. Sada ji yaha tak aap aayi aur apne bahulya comments se rachna ka maan badhaya.mai aapka abhari hu

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  39. Sandhya ji rachna ko uske anjaam tak pahuchane k liye bahut bahut shukriya

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  40. Mithilesh dubey ji shukriya .aur ha hum b aapke saath hai

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  41. प्रिय बंधुवर अमरेन्द्र जी
    सस्नेहाभिवादन !


    ये दिन भी बड़े अजीब हैं
    जब शाम ढले तुम पास आते हों


    वाह जी वाह ! क्य बात है ! :)


    बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  42. Rajendra Swarnkar ji hausla afjai k liye bahut bahut shukriya, aapko bhi Basant ritu ki hardik badhai aur shubkamnaye

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  43. भगत सिंह तुम फेल आदमी हो,तुम जिन आदर्शो और सिधान्तो की बात करते हो वो भी तुम्हारी तरह फेल है,क्योकि उनमे सिर्फ देशभक्ति है राजनीती नहीं,इसी कारण वो हर जगह फेल है!
    तुम हालात को देख कर अपने सिधांत लिखते,क्या तुम्हे पता नहीं था की जो युवा तुम्हारे साथ तुम्हारे वक़्त में नहीं थे उनकी संताने तुम्हारे साथ भविष्य में कैसे होंगी!
    तुम्हारे देशभक्ति भरे सिधान्तो की वजह से मै रोज बापू के बेटो के निशाने पर रहता हूँ,मुझे शिकायत है तुमने उसमे राजनीती क्यों नहीं जोड़ी!
    और तो और तुम बेकार में फांसी चढ़ गए बिना लालच,तुम्हे राजनीती करनी थी ताकि हमे भी सत्ता का सुख मिलता,कही तुम भी चरखा ले कर बैठ जाते,क्यों जुल्म के खिलाफ पिस्तोल उठाई?
    तुम्हारे सिधान्तो को कोई नहीं पढता क्योकि वो कीमत मांगते है,जज्बा मांगते है त्याग मांगते है,तुम्हे भी अपने समकालीन नेताओ की तरह सिधांत गढ़ने चाहिए थे,जिनमे सब कुछ मिलता हे मिलता है खोना कुछ नहीं पड़ता!
    और तो और तुम्हे तुम्हारी जानकारी के लिए बता दू की आंशिक रूप से आजाद इंडिया की सरकार की नज़र में तुम्हारी कीमत एक रुपये,दो रुपये से ज्यादा नहीं है और दूसरी तरफ तुम्हारे दौर के बकरी वाले बाबा हजारो पर छाए हुए है,अगर मेरा ख़त पढ़ रहे हो तो दोबारा जन्म मत लेना, नहीं तो सरकार तुम्हे आतंकवादी कह कर जेल में सडा देगी,फांसी भी नहीं देगी!
    ये सब लिखते हुए मेरी आँखों में आंसू है तुम्हारे लिए,कलम भी डगमगा रही है,लेकिन भगते भाई मै मजबूर हूँ तुम्हारे सच्चे सिधान्तो की लाश अब और नहीं ढो सकता,मेरे लिए खुद की रोज़ रोज़ बेइजती करवाना मुश्किल है,भाई शेर को कुत्तो ने चारो तरफ से घेर रखा है,आखिर कब तक वो अकेला इनसे लडेगा
    जय क्रांति जय हिंद
    हेमू सिंह

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  44. Hemu ji yaha tak aane apni baat rakhne ke liye bahut bahut shukriya

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  45. पहली बार ब्लॉग पर आना हुआ पर अच्छा लिखते हैं आप. शानदार अभिव्यक्ति..बधाई. कभी 'शब्द सृजन की ओर' भी आयें.

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  46. K K Yadava ji bus aapka sneh hai hamare saath so kuch padh leta hu aur kuch likh leta hu .......shukriya

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  47. first visit aur itna sundar lekhan.....ab to baar-baar ana padega.

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  48. V!Vs ji bahut bahut shukriya yaha tal aane ke liye aur itna pyara comment dene k liye .........

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  49. बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  50. Sawai singh ji gher ki dehllej pe kadam rakhne k liye bahut bahut shukriya

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  51. Rajnish Ji shukriya .........der se hi sahi aap aaye to .mai to isi aas me kab se derwaje ki taref ektak dekh raha tha ........khair intejar ka phal meetha hua

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  52. आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी

    कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
    http://vangaydinesh.blogspot.com/

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  53. Dinesh ji sabse pahle to hausla afjai ke lioye bahut bahut shukriya......aur hum aapke gher ki dehleej pe jarur aayenge...bus swagat accha hona chahiye

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  54. होली के पावन रंगमय पर्व पर आपको और सभी ब्लोगर जन को हार्दिक शुभ कामनाएँ.
    मेरी पोस्ट 'ऐसी वाणी बोलिए'पर आपका इन्तजार है.

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  55. होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|

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  56. Rakesh Kumar @
    Rajendra Swarnkar @
    Sawai SIingh Rajpurohit @
    aap sabhi ko bahut bahut badhai aur hardik shubkamnaye,
    Holi hai*******

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  57. भाई जी अब नयी पोस्ट लिखो आपकी पोस्ट का इन्तजार है ...!

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  58. neh se bhari ek sunder rachna, man ko bhayi.

    shubhkamnayen

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  59. blogtaknik ji blog tak aane le liye bahut bahut shukriya

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  60. : केवल राम : ji jald hi aapko dusri post bhi mil jayegi.aaiyega jarur jachne aur parakhne ke liye........plzzzzz

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  61. prritiy---------sneh ji thanx a lot for nice comments

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  62. बहुत सुन्दर पोस्ट

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