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Sunday, November 14, 2010
तेरा आना
जी लेने दो इस इक सांस में
वो सारे पल मुझको
सदियों जिस पल के लिए
साँसों का गला घोटता आया हूँ में
अब आ गए हो जो
साथ मेरे चलने को
तो मंजिल भी मिल जाएगी
तुम दो कदम चलो तो सही
संग खुशिया भी आएँगी
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